💛Jab se tu mil gaya / जब से तो मिल गया Hindi Christian Song Lyrics💜
👉song Information😍
*"Jab Se Tu Mil Gaya"** एक अत्यंत आत्मिक और प्रेरणादायक भक्ति गीत है, जिसे **सिस्टर रोमिका मसीह** द्वारा गाया गया है। इस गीत के बोल **पास्टर कर्मा कल्याण** द्वारा लिखे गए हैं और संगीत **दिनेश डीके** द्वारा प्रदान किया गया है। यह गीत हमें ईश्वर से मिलने और उनके साथ एक सशक्त संबंध बनाने के बाद के अद्भुत अनुभव को दर्शाता है। गीत में वह परिवर्तन और शांति का अनुभव व्यक्त किया गया है, जो हम ईश्वर से जुड़ने के बाद अपनी ज़िन्दगी में महसूस करते हैं।
गीत के मुख्य बिंदु:
1. *ईश्वर से मिलने की खुशी*:
"जब से तू मिल गया" गीत की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह ईश्वर से मिलकर एक नई जीवन यात्रा शुरू होने की खुशी और आनंद को व्यक्त करता है। यह गीत उन लोगों के लिए बहुत प्रेरणादायक है, जिन्होंने अपने जीवन में ईश्वर के मार्गदर्शन को स्वीकार किया है और उनके साथ एक सशक्त और व्यक्तिगत संबंध स्थापित किया है। गायक की आवाज़ में एक गहरी आत्मिक शांति और आनंद का अहसास होता है, जो ईश्वर के साथ मिलकर प्राप्त हुआ है।
2. *ईश्वर की प्रेम और आशीर्वाद*:
गीत में यह दिखाया गया है कि जब हम ईश्वर के पास जाते हैं, तो हम उनके असीम प्रेम और आशीर्वाद से घिर जाते हैं। यह प्रेम न केवल हमारे पापों को माफ करता है, बल्कि हमें एक नया जीवन और आशा भी देता है। गायक अपनी आत्मा को पूरी तरह से ईश्वर के प्रति समर्पित कर देती हैं, और उनका विश्वास है कि ईश्वर के मिलने से उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ गया है।
3. *आध्यात्मिक परिवर्तन*:
"जब से तू मिल गया" गीत में आध्यात्मिक परिवर्तन की बात की गई है। यह गीत उन सभी व्यक्तियों के लिए है, जिन्होंने अपनी जिंदगी में ईश्वर के मार्गदर्शन को स्वीकार किया है और इसके परिणामस्वरूप उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। गीत में यह व्यक्त किया गया है कि जब हम ईश्वर से मिलते हैं, तो हमारी सारी चिंताएँ और परेशानियाँ खत्म हो जाती हैं, और हमें शांति और संतोष मिलता है।
4. *प्रेरणा और मार्गदर्शन*:
इस गीत के माध्यम से एक सशक्त संदेश दिया जाता है कि जब हम ईश्वर से जुड़ते हैं, तो हमें जीवन के कठिन क्षणों में मार्गदर्शन मिलता है। यह गीत हमें प्रेरित करता है कि हम कभी भी निराश न हों, क्योंकि ईश्वर हमारे साथ हैं और वे हमें हमेशा सही मार्ग दिखाते हैं।
5.*आध्यात्मिक साक्षात्कार*:
यह गीत एक आध्यात्मिक साक्षात्कार की तरह है, जो हर भक्त को अपनी आस्था को फिर से जागृत करने का एक मौका देता है। जब हम ईश्वर से मिलते हैं, तब हमें उनकी दिव्य उपस्थिति का अहसास होता है और हमारे भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। गायक की आवाज़ में यह भावनाएँ स्पष्ट रूप से झलकती हैं, जिससे श्रोता अपने जीवन में ईश्वर की उपस्थिति को महसूस कर सकते हैं।
6. *शांति और संतो**:
गीत में शांति और संतोष का अहम स्थान है। जब हम ईश्वर से मिलते हैं, तो हम हर प्रकार की मानसिक और शारीरिक तनाव से मुक्त हो जाते हैं। गीत में इसे इस प्रकार व्यक्त किया गया है कि हम ईश्वर के साथ मिलकर सच्ची शांति और संतोष प्राप्त करते हैं, जो इस संसार में कहीं और नहीं मिल सकता।
निष्कर्ष:
"जब से तू मिल गया" एक शक्तिशाली भक्ति गीत है, जो ईश्वर से मिलकर प्राप्त होने वाली आत्मिक शांति, प्रेम, और मार्गदर्शन को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इस गीत में ईश्वर के साथ संबंधों को दर्शाते हुए जीवन के हर पहलु में परिवर्तन और नयापन लाने की प्रेरणा दी गई है। इस गीत को सुनकर हर व्यक्ति को अपने जीवन में ईश्वर के साथ गहरे संबंध बनाने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है।
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👉song Credits;
Lyrics: Ps. karma kalyan
Music: Dinesh Dk
👉Lyrics 🙋
जब से तो मिल गया है मसीह नासरी और ख़्वाहिश नई कुछ पाने की,
कोई पागल कहे जा दीवानी कहे हमे परवाह नई हैं ज़माने की
१. लोग जितने भी ज़िंदगी मैं आते रहे करके बाते वह दिल को दुखाते रहे।
तेरा सुन के कलाम मिला दिल को आराम अब फ़िकर नई किसे ताने की।
जब से तू मिल गया हैं मसीह नासरी और ख़्वाहिश नई कुछ पाने की
२. तेरे वचनों से ज़िंदगी नई मिल गई, मुरझायी कल्ली फिर से खिल गई,
अब दुगी गवाही मैं खुल के तेरी, ना जरूरत हैं कुछ भी शिपाने की
३. मैं दीवानी तेरी नासरी हो गई तेरी प्यारी सी बातो मैं हूँ खो गई,
अब जाए ज़माना मुझे छोड़कर कर नहीं फ़िकर किसे
की भी जाने की कोई पागल कहे जा दीवानी कहे।
हमे परवाह नई हैं ज़माने की
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"*जब से तू मिल गया*" एक प्रेरणादायक और भक्ति गीत है जो ईश्वर के साथ सशक्त संबंध और विश्वास को व्यक्त करता है। यह गीत प्रभु यीशु मसीह के मिलने के बाद व्यक्ति के जीवन में आए परिवर्तन, शांति और संतुष्टि को दर्शाता है। इसमें एक भक्त की आत्मसमर्पण और ईश्वर के प्रति पूरी निष्ठा का चित्रण किया गया है।
गीत की व्याख्या
गीत की शुरुआत से ही यह स्पष्ट है कि जब से मसीह नासरी से मिल गया, तब से जीवन की इच्छाएं और बाहरी प्रभावों की परवाह नहीं रही। इस गीत में व्यक्त किया गया है कि जब व्यक्ति अपने जीवन में मसीह को प्राप्त करता है, तो उसे संसार की अन्य इच्छाओं और परेशानियों से कोई फर्क नहीं पड़ता। भले ही लोग उसे पागल या दीवाना कहें, लेकिन वह ईश्वर के साथ अपने संबंध में पूरी तरह से संतुष्ट और शांति में है।
गीत के पहले चरण में बताया गया है कि लोग जो भी जीवन में आते रहे, वह दिल को दुखाने वाली बातें करते रहे। लेकिन मसीह के वचन को सुनने से दिल को आराम मिलता है, और अब वह किसी की बातों या तानों की परवाह नहीं करता। यह बताता है कि मसीह के वचन और आशीर्वाद से जीवन में आने वाली परेशानियों का हल मिलता है और मन को शांति मिलती है।
दूसरे चरण में, गीत कहता है कि मसीह के वचनों से नया जीवन मिला और मुरझाई हुई कल्ली फिर से खिल गई। यह दर्शाता है कि मसीह के साथ संबंध से जीवन में आशा और ऊर्जा का संचार होता है। जब हम मसीह को अपने जीवन में स्वीकार करते हैं, तो हमारी समस्याएं और निराशाएं दूर हो जाती हैं, और हम एक नए दृष्टिकोण और उम्मीद के साथ जीवन को देखते हैं।
तीसरे चरण में यह गीत पूरी तरह से भक्ति और आत्मसमर्पण को दर्शाता है। गायक खुद को मसीह का दीवाना मानती है और कहती है कि वह अब सिर्फ मसीह की बातों में खो गई है। वह कहती है कि उसे अब दुनिया से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वह मसीह के प्रेम और आशीर्वाद में पूरी तरह से समर्पित है। इस चरण में यह स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि जब हम पूरी तरह से ईश्वर के प्रति निष्ठा और प्रेम में डूब जाते हैं, तो हम दुनिया के ताने और आलोचनाओं को नजरअंदाज कर सकते हैं।
यह गीत यह संदेश देता है कि मसीह के साथ एक सच्चे और गहरे संबंध से जीवन में शांति, संतोष और आंतरिक आनंद आता है। जब हम अपने जीवन में मसीह को अपनाते हैं, तो हमारे दिल की मुरझाई हुई कल्ली फिर से खिल जाती है और हम दुनिया के भव्यता और सांसारिक खुशियों से ऊपर उठकर केवल ईश्वर की भक्ति में खो जाते हैं।
*"जब से तू मिल गया"* गीत हमारे विश्वास और प्रेम की दृढ़ता को दर्शाता है, जो मसीह से मिलने के बाद हर दिन हमारे जीवन में बढ़ता है। यह गीत उस आंतरिक शांति और खुशी को दर्शाता है, जो सिर्फ मसीह के प्रेम और आशीर्वाद से संभव है।
*"जब से तू मिल गया"* एक भक्ति गीत है जो ईश्वर के साथ व्यक्तिगत और आत्मिक संबंध के अनुभव को व्यक्त करता है। यह गीत विशेष रूप से उस खुशी और शांति का बखान करता है जो ईश्वर से मिलने के बाद प्राप्त होती है। *सिस्टर रोमिका मसीह* द्वारा गाया गया यह गीत हर एक व्यक्ति के दिल को छू जाता है क्योंकि इसमें पवित्र आत्मा से मिलने के बाद का गहरा आंतरिक अनुभव दर्शाया गया है। गीत के शब्द, *पास्टर कर्मा कल्याण* द्वारा लिखे गए हैं, और **दिनेश डीके** द्वारा संगीतबद्ध किए गए हैं। आइए इस गीत की व्याख्या करें:
गीत के बोल यह व्यक्त करते हैं कि जब व्यक्ति ईश्वर के पास जाता है, तो उसकी ज़िंदगी में एक अद्भुत परिवर्तन आता है। पहले वह बाहरी दुनिया में भटकता था, लेकिन अब उसे ईश्वर का मार्गदर्शन मिल गया है और वह ज़माने की परवाह किए बिना अपने विश्वास और प्रेम में खो जाता है। गीत में यह भी बताया गया है कि दुनिया के ताने, दुख और झूठी बातें अब उसे परेशान नहीं करतीं क्योंकि अब उसका दिल ईश्वर की शांति से भरा हुआ है।
गीत के पहले शेर में, गायिका कहती है कि दुनिया में जितने लोग आए और उनसे जो बातें हुईं, वे उसे दुखी करती रही। लेकिन जब उसने ईश्वर के वचन को सुना, तो उसका दिल आराम से भर गया। उसका विश्वास अब ज़माने की बातों से प्रभावित नहीं होता। इस शेर में एक गहरी आत्मिक शांति और संतोष की भावना व्यक्त की गई है। ईश्वर के शब्दों ने उसके दिल को सुकून दिया है, और अब उसे बाहरी दुनिया की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
दूसरे शेर में, गायिका यह बताती है कि ईश्वर के वचनों ने उसकी ज़िंदगी को नया जीवन दिया है। वह पहले मुरझाई हुई कली की तरह थी, लेकिन अब वह फिर से खिल उठी है। यह सशक्त रूप से इस तथ्य को व्यक्त करता है कि ईश्वर की उपस्थिति व्यक्ति की ज़िंदगी में परिवर्तन ला सकती है। अब, गायिका अपनी गवाही खुलकर देती है और कहती है कि उसे अब कुछ छिपाने की आवश्यकता नहीं है। ईश्वर की उपस्थिति उसे पूरी तरह से शांति और विश्वास से भर देती है।
तीसरे शेर में गायिका कहती है कि वह अब ईश्वर के प्रेम में पूरी तरह से खो गई है। वह नासरी ईश्वर के प्रेम में दीवानी हो गई है और उसकी प्यारी बातों में पूरी तरह से समाहित हो गई है। अब वह अपनी ज़िंदगी में किसी भी आलोचना या आलोचकों की परवाह नहीं करती। उसे अब किसी की भी बातों से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उसकी दुनिया अब ईश्वर के प्रेम में सिमटी हुई है।
यह गीत यह संदेश देता है कि जब व्यक्ति ईश्वर से मिलता है, तो उसकी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल जाती है। जो चीज़ें पहले उसे परेशान करती थीं, अब वे उसे प्रभावित नहीं करतीं। ईश्वर की उपस्थिति उसे शांति, प्रेम और आंतरिक सुख देती है। यह गीत हमें बताता है कि हमें अपनी ज़िंदगी में ईश्वर को सबसे ऊपर रखना चाहिए और दुनिया की बातों से परे अपनी आंतरिक शांति को महसूस करना चाहिए।
यह गीत विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में आंतरिक शांति और संतोष की तलाश में हैं। यह हमें यह सिखाता है कि जब हम ईश्वर से जुड़ते हैं, तो हमें कोई भी बाहरी परेशानी या आलोचना प्रभावित नहीं करती। हमें अपने विश्वास में दृढ़ रहना चाहिए और ईश्वर के प्रेम को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए। यह गीत उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने जीवन में ईश्वर के साथ एक गहरी और सच्ची संबंध की तलाश कर रहे हैं।
कुल मिलाकर, **"जब से तू मिल गया"** एक सुंदर और प्रेरणादायक गीत है जो हमें अपने जीवन में ईश्वर की उपस्थिति महसूस करने और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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